THE BEST SIDE OF पारद शिवलिंग के फायदे

The best Side of पारद शिवलिंग के फायदे

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- वरदान के कारण नर्मदा नदी का कण-कण शिव माना जाता है. - नर्मदा नदी के शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है. - कहा जाता है कि, जहां नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता है.

पण त्या अगोदर तुम्ही पुन्हा मागील पोस्ट वाजून घ्या कारण शिवलिंग घरात ठेवणे हा विषय सोपा नाही. तसा हा कठीण सुद्धा नाही कसा ह्याचा विचार करू.

शिवलिंग (अर्थात प्रतीक, निशान या चिह्न) इसे लिंगा, पार्थिव-लिंग, लिंगम् या शिवा लिंगम् भी कहते हैं। यह हिंदू भगवान शिव का प्रतिमाविहीन चिह्न है। यह प्राकृतिक रूप से स्वयम्भू व अधिकतर शिव मंदिरों में स्थापित होता है। शिवलिंग को सामान्यतः गोलाकार मूर्तितल पर खड़ा दिखाया जाता है, जिसे पीठम् या पीठ कहते हैं।

पारद और स्फटिक में से कौन-सा शिवलिंग बेहतर होता है?

असे झाले कि एका प्लेट मध्ये सफेद कापड ठेऊन त्यावर शिवलिंगाची स्थापना करावी. 

महागौरी- श्रीं क्लीं ह्रीं वरदायै नमः।।



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राज्याला दोन उपमुख्यमंत्री असले तरी लक्ष कुणाचेच नाही

इसे घर more info या दफ्तर में बने मंदिर में स्थापित करें।

नांदेड पासून परभणी ७० कि.मी. अंतरावर आहे.

ज्या घरात पारद शिवलिंग वास करते त्या घराशी संबंधित सर्व वास्तुदोष दूर होतात. पारद शिवलिंगाच्या शुभ प्रभावामुळे त्या घरातील लोकांना कोणत्याही प्रकारचे तंत्र-मंत्र किंवा डोळ्यातील दोषांचा त्रास होत नाही. अशी मान्यता आहे.

Just rub the lemon over the surface of Parad shivling each individual alternate working day. It will start out shining. Then clean up it which has a water and wipe it off with thoroughly clean cloth. Now it is ready to worship or wear. There'll be no markings remaining any where within the shivalingam or if worn in the human body.

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